द्वाल्खा नेपाल (नेवारी) भाषा | पर्वते खस भाषा |
छेर | कापल–टाउको |
साँ | कपाल |
टिकिचा | टुप्पी |
लुटु | भुमरी |
मुर्ला | मुडला |
पोकचा | घाँटीको पछाडी भाग |
मस्ती | निधार |
निपु | गिदी |
नस्पटी | कान |
नस्पटीय खी | कानेगुजी |
मिखा | आँखा |
मिखापति | परेला |
मिखासाँ | आँखीभुँई |
मिखाय ग्वारा | आँखाको नानी |
प्याचेरा | चिप्रा |
खोबी | आँशु |
नास | नाक |
नी | सिङान |
नीपुँइ | सिङानको पापडी |
घोंस | (जुङा) |
दारी | दाह्री |
नकु | गाला |
मुथु | मुख |
मुथुसी | ओंठ |
वा | दाँत |
साँवा | वंगरा |
खिचावा | दाह्रा |
खिचावा | दाह्रा |
वादिरी | गिजा |
थाँका | तालु |
मे | जिव्रो |
ङिला | थुक |
झ्याल | झ्याला |
खाका | खकार |
काँठा | किलकिले |
गल | गलार घाँटी |
न्यामन्याम | चिउँडोरच्यापु |
थाँका | तालु |
ख्वाल | रूप र मुख |
ग्वाहार यरीलौं : ईसिन ऊ छिजी खँ त पर्वते खँकु हाती हतै हङ शिर्षकु थिगुर स्तम्भ तयन ययन चोनगु । उकु चोय खँपेन गिविङ थुई मदउ व मखेउ खँ जुर्स ईसित सच्यारीत ग्वाहार विईस ।।।